Skip navigation

Please use this identifier to cite or link to this item: http://localhost:8080/xmlui/handle/123456789/1130
Title: JEEVAN JYOTI [SACHITRA]
Authors: HARISHANKAR SHRAMA
Issue Date: 1935
Publisher: GAYAPRASAD AND SONS AAGARA
Abstract: व्याज हम पाठक के कर-कमलोंमें 'जीवन-ज्योर्ति 'प्रक्फ-- पुस्तक प्रस्तुत करनेका साहस कर रहेहें । महार व्यापास की जीवनियों मानव-समाज के सुधार और .उद्धार में बहुतु सहायक होती हैं । निराशा-निशा का आधिपत्य होनेपर आदरा पुरुष केचारुचरित्र ही ज्योतिस्तकभ बनकर सफलता-सदन कीं ओर अग्रसर होनेका संकेत करतेहैं । 'जीवन-ज्योति' में ऐसे ही पुएयरलोक महानुभावी की आदर्श जीवनियो का समावेश किया गया है । आशा है, पाठको-विरोष कर, विद्याथियो-को इस पुस्तक से बडा लाभ होगा । वे इसके पाठ से अपना भविष्य उज्ज्वल और आतापूर्द बनानेकी शिसा प्रहर कर सकेंगे। 'जीवन-ज्योति' में एक विशेषता रक्ती गई है, वह है जीवनियो की विषय-विभिन्नता । अर्थात्पुरक में एक ही प्रकार के सब चरित्र एकत्र न करके धम, समाज-संशोधन, रणकौराल, आविष्कार, व्यापार, यात्रा इत्यादि विविध विषयी सेसम्वब्दध रखनेवाले व्यक्तियो का गुय-गान किया गया है । ऐसा करनेसेजहाँतक हमारा अनुमान है, पुस्तक की रोचकता बहुत बद्द गई है, और पाठक के मनोरखन तथा
URI: http://localhost:8080/xmlui/handle/123456789/1130
Appears in Collections:Dattu Waman Poddar

Files in This Item:
File Description SizeFormat 
PNVM-5-359-Jeevan Jyoti Sachitra_OCR.pdf101.62 MBAdobe PDFView/Open


Items in DSpace are protected by copyright, with all rights reserved, unless otherwise indicated.